
नई दिल्ली, 10 मई 2025: ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे सैन्य तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान ने शनिवार शाम 5 बजे से पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई। यह समझौता पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) द्वारा भारतीय समकक्ष को दोपहर 3:35 बजे की गई कॉल के बाद हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने ज़मीनी, हवाई और समुद्री स्तर पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों देशों के DGMOs अब 12 मई को दोपहर 12 बजे दोबारा बातचीत करेंगे।
इस युद्धविराम में अमेरिका ने सक्रिय मध्यस्थ की भूमिका निभाई। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घोषणा करते हुए लिखा कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत हुए हैं। उन्होंने दोनों देशों को ‘सामान्य बुद्धि और दूरदृष्टि’ दिखाने के लिए बधाई दी। अमेरिकी विदेश मंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो ने बताया कि उपराष्ट्रपति जे. डी. वांस और उन्होंने पिछले 48 घंटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर और पाक NSA असीम मलिक से लगातार संपर्क बनाए रखा। रुबियो ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें अब तटस्थ स्थल पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत की तैयारी करेंगी।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कड़ी और अडिग नीति पर कायम रहेगा और यह युद्धविराम भारत की सुरक्षा नीति में किसी भी तरह की नरमी नहीं दर्शाता। वहीं पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने युद्धविराम की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं करेगा।
शनिवार सुबह भारतीय सेना ने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान की ओर से भेजे गए कई सशस्त्र ड्रोन अमृतसर स्थित खस्सा छावनी क्षेत्र में देखे गए, जिन्हें वायु रक्षा इकाइयों ने तुरंत मार गिराया। इसके अलावा पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के ठिकानों को निशाना बनाए जाने के दावों को भारत ने “झूठा प्रचार” बताया और हवाई अड्डों की टाइम-स्टैम्प युक्त तस्वीरें जारी कर पाकिस्तानी दावों को खारिज किया। नागरिक उड्डयन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, डीजीसीए ने 32 हवाई अड्डों को 15 मई सुबह तक अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है।
विश्लेषकों के अनुसार यह युद्धविराम एक राहत भरा कदम है, लेकिन इसकी स्थायित्वता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान आगे आतंकवाद, घुसपैठ या सैन्य उकसावे जैसी किसी भी गतिविधि से दूर रहे। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।