सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम: जजों की संपत्ति और नियुक्ति प्रक्रिया अब सार्वजनिक

पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अपने जजों की संपत्ति की जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया का पूरा विवरण भी अब आम जनता के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। यह कदम न्यायपालिका में विश्वास और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।

21 जजों की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक

कोर्ट द्वारा जारी बयान के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 को फुल कोर्ट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति का विवरण सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराया जाएगा। अब तक 33 में से 21 जजों की संपत्ति की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है, जबकि शेष जजों का विवरण मिलने पर अपलोड किया जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की संपत्ति का विवरण भी सार्वजनिक किया गया है। उनके पास ₹55.75 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक बैलेंस है, जबकि ₹1.06 करोड़ की राशि पीपीएफ में जमा है। उनके पास साउथ दिल्ली में दो बेडरूम का फ्लैट, कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में चार बेडरूम वाला फ्लैट और गुरुग्राम में एक फ्लैट में 56% हिस्सेदारी है।

अगले CJI जस्टिस गवई की संपत्ति भी सार्वजनिक

14 मई को मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस बीआर गवई के पास अमरावती (महाराष्ट्र) में पैतृक घर, मुंबई के बांद्रा और दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में अपार्टमेंट और कृषि भूमि है। उन्होंने लगभग ₹1.3 करोड़ की देनदारियां भी घोषित की हैं।

अन्य वरिष्ठ जजों की संपत्तियां

  • जस्टिस सूर्यकांत: चंडीगढ़, पंचकुला, दिल्ली और गुरुग्राम में संपत्ति, 6.03 करोड़ के फिक्स्ड डिपॉजिट।
  • जस्टिस अभय ओका: ठाणे और पंचपखाड़ी में फ्लैट, ₹92.3 लाख पीपीएफ में, ₹21.7 लाख एफडी और ₹9.1 लाख बैंक में।
  • जस्टिस विक्रम नाथ: नोएडा में फ्लैट, प्रयागराज में पैतृक बंगला, कौशांबी में 12 एकड़ कृषि भूमि, ₹1.5 करोड़ निवेश।

ये पांचों जज सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सदस्य हैं, जो उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों की सिफारिश करते हैं।

नियुक्ति प्रक्रिया का विवरण भी सार्वजनिक

सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया का पूरा ब्यौरा भी वेबसाइट पर साझा किया है। इसमें कॉलेजियम की सिफारिशें, राज्य सरकारों और केंद्र से मिले इनपुट, नियुक्ति की तारीख, जाति/लिंग आधारित श्रेणी, और क्या उम्मीदवार किसी सेवारत या रिटायर्ड जज से संबंधित हैं – जैसे विवरण शामिल हैं। यह जानकारी 9 नवंबर 2022 से 5 मई 2025 तक की नियुक्तियों पर आधारित है।

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