संयुक्त राष्ट्र ने दो भारतीय शांति सैनिकों को मरणोपरांत किया सम्मानित

संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए बलिदान देने वाले दो भारतीय शांति सैनिकों को 29 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस पर मरणोपरांत सम्मानित किया। ब्रिगेडियर जनरल अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च शांति सम्मान डैग हैमरस्कोल्ड मेडल से नवाजा गया।

🕊️ शांति के लिए सर्वोच्च बलिदान

ब्रिगेडियर झा ने यूएन डिसएंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स (UNDOF) में सेवा दी, जबकि हवलदार संजय सिंह डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (MONUSCO) मिशन में तैनात थे। दोनों की पिछले वर्ष ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी।

🇮🇳 भारत की महत्वपूर्ण भूमिका

भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में। वर्तमान में 5,300 से अधिक सैन्य और पुलिस कर्मी भारत की ओर से सात देशों में तैनात हैं, जिनमें अबीएई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, लेबनान, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा शामिल हैं।

🌍 महासचिव ने दी श्रद्धांजलि

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में 1948 से अब तक जान गंवाने वाले 4,400 से अधिक शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पांजलि अर्पित की। इसी समारोह में कुल 57 शांति सैनिकों को मरणोपरांत मेडल दिए गए।

🏅 महिला अधिकारियों को भी सम्मान

समारोह में संयुक्त राष्ट्र की ओर से 2024 मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर का पुरस्कार घाना की स्क्वाड्रन लीडर शेरोन म्विनसोते साइम को दिया गया, वहीं यूएन वुमन पुलिस ऑफिसर ऑफ द ईयर का खिताब सिएरा लियोन की सुपरिंटेंडेंट ज़ैनब गबला को मिला।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष यह सम्मान भारत की मेजर राधिका सेन को मिला था, जिन्होंने MONUSCO मिशन में सेवा दी थी।

🔍 इस वर्ष की थीम: “The Future of Peacekeeping”

इस वर्ष की थीम “द फ्यूचर ऑफ पीसकीपिंग” रखी गई है, जो यह संकेत देती है कि कैसे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों को आधुनिक वैश्विक चुनौतियों के अनुरूप ढाला जा रहा है।

गुटेरेस ने अपने संदेश में कहा, “आज की जटिल दुनिया में हमारे शांति सैनिक अप्रत्याशित हालातों का सामना कर रहे हैं। अब पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है ऐसे शांति अभियानों की जो आने वाले कल के लिए पूरी तरह तैयार हों।”

📢 क्यों यह दिन मायने रखता है?

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2002 में हर साल 29 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। यह दिवस उन सभी पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करता है जो शांति अभियानों में सेवा दे रहे हैं, और उन शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने शांति के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।

📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1948 में पहली बार मध्य-पूर्व में शांति पर्यवेक्षकों की तैनाती की थी, जो आगे चलकर यूनाइटेड नेशन्स ट्रूस सुपरविजन ऑर्गेनाइज़ेशन (UNTSO) बना। आज तक दुनिया भर में 2 मिलियन से अधिक शांति सैनिक 71 से अधिक मिशनों में तैनात हो चुके हैं।

🙏 समर्पण को सलाम

संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के प्रमुख जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने कहा, “शांति सैनिक हमारी सबसे महत्वपूर्ण शक्ति हैं। उनका बलिदान हमें केवल स्मरण के लिए नहीं, बल्कि कार्रवाई के लिए प्रेरित करता है।”

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