
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इन घटनाओं के बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि,
“दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव नहीं झेल सकती।”
“अधिकतम संयम बरतें दोनों देश” – गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा:
“महासचिव भारत की सैन्य कार्रवाइयों को लेकर बेहद चिंतित हैं, जो नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार की गईं। वह दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम की अपील करते हैं।”
गुटेरेस की टिप्पणी उस वक्त आई जब भारतीय सेना ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उसने नौ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया — ये वही स्थान थे जहां से पहलगाम जैसे जघन्य हमलों की योजना बनाई गई थी।
भारत का पक्ष: “यह न्याय की पुकार थी”
भारतीय सेना ने ऑपरेशन के बाद X (पूर्व ट्विटर) पर कहा:
“Justice is served. Jai Hind.”
“हमारे हमले केंद्रित, संतुलित और गैर-उत्तेजक थे। कोई पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना निशाना नहीं बनाया गया।”
भारत के रक्षा मंत्रालय ने इसे एक “मापी-तौली जवाबी कार्रवाई” कहा जो सिर्फ आतंकी ढांचों को खत्म करने तक सीमित थी।
पृष्ठभूमि: एक अमानवीय हमला
भारत की ये कार्रवाई सीधे तौर पर पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया मानी जा रही है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।
गुटेरेस ने इस हमले की पहले ही निंदा करते हुए कहा था:
“नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है। दोषियों को पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया के तहत न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
UNSC में पाकिस्तान की अपील, लेकिन बयान जारी नहीं
पाकिस्तान ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाया, जहां बंद दरवाज़ों के भीतर चर्चा हुई। हालांकि, इस मीटिंग के बाद कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया — जो यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस वक्त भारत को कटघरे में खड़ा करने के मूड में नहीं है।