
भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे और टेस्ट फॉर्मेट के सबसे प्रबल दूतों में से एक, विराट कोहली ने 12 मई 2025 को अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए उनके भावुक नोट ने फैन्स, पूर्व खिलाड़ियों और विशेषज्ञों को चौंका दिया। देशभर में चर्चाओं का दौर शुरू हुआ—क्यों कोहली ने यह फैसला लिया, और क्या यह सही समय था?
कोहली के बचपन के कोच सरनदीप सिंह ने कहा कि वो स्तब्ध हैं क्योंकि विराट आगामी इंग्लैंड सीरीज़ में शतक जड़ने के लिए खासे प्रेरित थे। वहीं, पूर्व कोच रवि शास्त्री की प्रतिक्रिया ने एक अलग ही बहस को जन्म दे दिया।
रवि शास्त्री, जो विराट के करियर के हर अहम पड़ाव के गवाह रहे हैं, इस फैसले से काफी आहत दिखे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विराट का जाना अचानक हुआ और इस पूरे घटनाक्रम को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकता था। Sony Sports पर बातचीत के दौरान शास्त्री भावुक हो गए और बताया कि विराट ने अप्रैल में ही उन्हें अपने फैसले के संकेत दे दिए थे।
शास्त्री ने कहा, “ये बेहद दुखद है। विराट जैसा खिलाड़ी जब जाता है, तब उसकी असली अहमियत समझ में आती है। आंकड़े उसके व्यक्तित्व और प्रभाव को पूरी तरह बयां नहीं करते। खासकर विदेशी ज़मीं पर टेस्ट क्रिकेट को जो सम्मान उन्होंने दिलाया, वो अविस्मरणीय है।”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि अगर फैसले में उनकी कोई भूमिका होती, तो वह कोहली को ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के बाद फिर से कप्तान बना देते। शास्त्री का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि कोहली खुद शायद एक बार फिर टीम की कमान संभालना चाहते थे, लेकिन BCCI ने अलग रास्ता चुना।
इस पूरे घटनाक्रम में एक और दिलचस्प मोड़ आया जब रोहित शर्मा के टेस्ट संन्यास के महज पांच दिन बाद शुभमन गिल को नया टेस्ट कप्तान घोषित कर दिया गया। ऐसे में, कोहली को कप्तानी लौटाने की अटकलों पर भी विराम लग गया।
विराट कोहली का टेस्ट करियर हमेशा साहस, जुनून और बेमिसाल नेतृत्व का प्रतीक रहा है। अब जबकि उन्होंने whites को अलविदा कह दिया है, एक युग का अंत हो गया है—but as Shastri rightly said—”उनकी असल विरासत अब महसूस की जाएगी।”