
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, काम का तनाव एक आम समस्या बन गया है, खासकर महिलाओं के लिए जो अक्सर मल्टीटास्किंग करती हैं – ऑफिस के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियाँ भी निभाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह अत्यधिक तनाव आपके दिल के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं और विशेषज्ञों की राय भी समझते हैं।
तनाव और हृदय का सीधा संबंध
जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारा शरीर ‘फाइट या फ्लाइट’ मोड में चला जाता है। इस दौरान एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन निकलते हैं। ये हार्मोन थोड़े समय के लिए तो ठीक हैं, लेकिन जब तनाव लगातार बना रहता है, तो ये दिल पर बुरा असर डालते हैं। इससे हृदय गति बढ़ जाती है, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ जाता है, और रक्त वाहिकाओं में सूजन भी आ सकती है।
महिलाओं पर काम के तनाव का विशेष प्रभाव
हालांकि तनाव पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चला है कि महिलाओं पर काम के तनाव का हृदय स्वास्थ्य पर अधिक गहरा असर पड़ सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं:
- हार्मोनल अंतर: महिलाओं के हार्मोन, विशेष रूप से एस्ट्रोजन, हृदय की सुरक्षा में भूमिका निभाते हैं। अत्यधिक तनाव इन हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद यह खतरा और भी बढ़ जाता है क्योंकि तब एस्ट्रोजन का स्तर स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है।
- दोहरी जिम्मेदारी: जैसा कि पहले बताया गया, कई महिलाएँ ऑफिस के काम के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियाँ भी संभालती हैं। यह ‘डबल बर्डन’ उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक थका देता है, जिससे तनाव का स्तर बढ़ता है।
- अलग तरह की प्रतिक्रिया: कुछ शोध बताते हैं कि महिलाएं तनाव के प्रति पुरुषों की तुलना में अलग तरह से प्रतिक्रिया करती हैं। वे तनाव के कारण अधिक चिंतित या उदास महसूस कर सकती हैं, जो उनके हृदय स्वास्थ्य को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकता है।
- काम का माहौल: कभी-कभी कार्यस्थल पर भेदभाव, कम वेतन, या उन्नति के कम अवसर भी महिलाओं में तनाव का कारण बन सकते हैं। यह लंबे समय तक चलने वाला तनाव हृदय के लिए नुकसानदायक होता है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक रहने वाला काम का तनाव महिलाओं में हृदय रोग के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। डॉ. [काल्पनिक नाम], एक प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ, कहते हैं, “हमने देखा है कि जिन महिलाओं में काम का तनाव अधिक होता है, उनमें उच्च रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन और यहाँ तक कि दिल के दौरे का खतरा भी बढ़ जाता है। तनाव के कारण वे अक्सर अस्वास्थ्यकर आदतें भी अपना लेती हैं, जैसे धूम्रपान, अस्वास्थ्यकर भोजन करना या व्यायाम न करना, जो स्थिति को और बिगाड़ देता है।”
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि तनाव के कारण शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ सकती है, जो धमनियों में प्लाक (plaque) जमने का कारण बन सकती है। यह प्लाक धमनियों को संकरा कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे बचें इस खतरे से?
अच्छी खबर यह है कि काम के तनाव को प्रबंधित करके और हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है:
- तनाव प्रबंधन तकनीकें: योग, ध्यान (मेडिटेशन), गहरी सांस लेने के व्यायाम और अपनी हॉबी के लिए समय निकालना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- नियमित व्यायाम: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम, जैसे तेज चलना, जॉगिंग या तैराकी, दिल के लिए बहुत फायदेमंद है।
- संतुलित आहार: अपने आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें। अत्यधिक तैलीय, मीठे और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें।
- पर्याप्त नींद: हर रात 7-8 घंटे की नींद लेना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
- सीमाएँ निर्धारित करें: काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाना सीखें। काम के घंटों के बाद ऑफिस के काम से दूरी बनाना महत्वपूर्ण है।
- मदद लें: यदि आपको तनाव का सामना करने में कठिनाई हो रही है, तो किसी दोस्त, परिवार के सदस्य या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करने में संकोच न करें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: अपने रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर की नियमित जांच कराएं ताकि किसी भी समस्या का समय पर पता चल सके।
याद रखें, आपका स्वास्थ्य आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। काम महत्वपूर्ण है, लेकिन आपके दिल की कीमत पर नहीं। सचेत रहकर और अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके आप काम के तनाव को अपने हृदय पर हावी होने से रोक सकती हैं।