क्रैम्प्स, माइग्रेन या पुराना दर्द? ये हो सकते हैं गंभीर स्वास्थ्य संकेत

हम अक्सर सुबह की जकड़न, अचानक होने वाले क्रैम्प्स या बार-बार सिरदर्द को उम्र के साथ आने वाली सामान्य समस्याएं मान लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह दर्द और तकलीफें हमारे शरीर के भीतर चल रही किसी गहरी समस्या का इशारा हो सकती हैं। एनस्थिसियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. कुनाल सूद के अनुसार, ये संकेत नजरअंदाज करने योग्य नहीं हैं, बल्कि आपके शरीर की SOS कॉल हो सकते हैं, जो आपको कुछ बदलने को कह रहे हैं।

डॉ. सूद बताते हैं कि अगर सुबह उठते समय जोड़ों में अकड़न महसूस होती है लेकिन थोड़ी देर चलने-फिरने के बाद राहत मिलती है, तो इसे सिर्फ बढ़ती उम्र का असर समझना गलत होगा। यह एक प्रकार की सूजन (inflammation) का संकेत हो सकता है। खासकर रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी स्थितियों में रात के समय इम्यून सिस्टम ज्यादा सक्रिय हो जाता है, जिससे सुबह-सुबह शरीर भारी और अकड़ा हुआ महसूस होता है। अच्छी बात यह है कि हल्की फुल्की एक्टिविटी से ये लक्षण कुछ हद तक कम हो जाते हैं।

दूसरा बड़ा संकेत होता है बार-बार होने वाले क्रैम्प्स या माइग्रेन, जिन्हें अक्सर हम सामान्य थकान या डिहाइड्रेशन से जोड़ लेते हैं। लेकिन डॉ. सूद कहते हैं कि यह संकेत मैग्नीशियम की कमी का परिणाम भी हो सकते हैं। मैग्नीशियम शरीर में मांसपेशियों और नसों की सही फंक्शनिंग के लिए बेहद जरूरी है। इसकी कमी से मांसपेशियों में झटके, ऐंठन और सिरदर्द जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। खासतौर पर वे लोग जो ज्यादा तनाव में रहते हैं, कम सोते हैं या ज्यादा वर्कआउट करते हैं, उनके लिए यह और भी जरूरी हो जाता है।

तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि पुराना दर्द केवल शरीर को ही नहीं, दिमाग को भी प्रभावित करता है। लंबे समय तक रहने वाला दर्द दिमाग के उस हिस्से को सिकोड़ सकता है जो इमोशंस और दर्द की प्रोसेसिंग करता है। हालांकि डॉ. सूद कहते हैं कि यह प्रक्रिया रिवर्सिबल है। यानी अगर दर्द को समय रहते नियंत्रित किया जाए तो मस्तिष्क फिर से खुद को रिकवर कर सकता है। यह इस बात का मजबूत कारण है कि क्रॉनिक पेन को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

आखिरी लेकिन बेहद जरूरी बात यह है कि हर दर्द का कारण कोई चोट नहीं होता। कई बार हमारा बैठने का तरीका, खराब पोस्चर या मानसिक तनाव भी शरीर में दर्द का कारण बन सकता है। गर्दन में अकड़न, पीठ का दर्द या हाथों-पैरों में झनझनाहट जैसी समस्याएं किसी गंभीर बीमारी का नहीं, बल्कि हमारी दैनिक जीवनशैली की अनदेखी का नतीजा हो सकती हैं।

डॉ. सूद की सलाह है कि दर्द को नजरअंदाज न करें। वह केवल एक फिजिकल अनुभव नहीं है, बल्कि हमारे शरीर का अलार्म सिस्टम है, जो कहता है – “कुछ गड़बड़ है, ध्यान दो!” समय रहते इसे समझना और ठीक करना ही लंबी और स्वस्थ ज़िंदगी की कुंजी है।

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